Gam wali shayari in hindi for lovers
❝मेरी शायरी के तरकश में इतने अल्फाज कहा,
जितनी आपके चेहरे पर अदायें हैं।❜❜
❝मैनें उन तमाम लोगों से रिश्ता तोड़ दिया,
जो तुम्हें भूलने की सलाह दे रहे थे।❜❜
❝कौन कहता है वक्त बहुत तेज है,
कभी किसी का इंतजार करके देखो।❜❜
❝रास्ता सोचते रहने से, किधर बनता है,
सर में सौदा हो तो, दीवार में दर बनता है।❜❜
❝सोचते थे मिलेगा सुकून ऐ दिल उनसे मिलकर,
पर दर्द और बढ़ जाता है उन्हें देखने के बाद।❜❜
❝नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में,
काश कि हमने तुझे इतने गौर से ना देखा होता।❜❜
❝लफ्जों से इतना आशिकाना ठीक नहीं है ज़नाब,
किसी के दिल के पार हुए तो इल्जाम क़त्ल का लगेगा।❜❜
❝पसंद आ गए है कुछ लोगों का हम,
कुछ लोगों को ये बात पसंद नहीं आयी।❜❜
❝हिचकियाँ कहती हैं कि तुम याद करते हो,
पर बात नहीं करोगे तो एहसास कैसे होगा।❜❜
❝हर नज़र में मुमकिन नहीं है,बेगुनाह रहना,
कोशिश करता हूँ कि ख़ुद की नज़र में बेदाग रहूँ।❜❜
❝परायों को अपना बनाना उतना मुश्किल नहीं,
जितना अपनों को अपना बनाए रखना।❜❜
❝तेरे दिल का मेरे दिल से, रिश्ता अजीब है,
मीलों की दूरियां, और धड़कन करीब है।❜❜
❝आँखो की नजर से नही हम दिल की नजर से प्यार करते है,
आप दिखे या ना दिखे फिर भी हम आपका दीदार करते है।❜❜
मैं खुद हैरान हूं की तुझसे इतनी मोहब्बत क्यूं है मुझे,
जब भी प्यार शब्द आता है चेहरा तेरा ही याद आता हैं।
❝हम भी दरिया है, हमे अपना हुनर मालूम हे,
जिस तरफ भी चल पडेंगे, रास्ता हो जायेगा।❜❜
❝रब करे मेरी यादों में तुम कुछ यूँ उलझ जाओ,
मैं तुमको यहाँ सोचूँ और तुम वहाँ समझ जाओ।❜❜
❝कोई कुछ कहता नही मुझसे आज कल,
लगता है इश्क़ के मारे हम बेकार हो गए हैं।❜❜
❝बड़ी ही खूबसूरत शाम थी वो तेरे साथ की,
अब तक खुशबू नहीं गई मेरी कलाई से तेरे हाथ की।❜❜
❝ये ज़माना जल जायेगा किसी शोले की तरह,
जब मेरे हाथ की उँगली में तेरे नाम की अँगूठी होगी।❜❜
❝यूं ही ख़्यालों में चले आया करो,
ना पकड़े जाने का खतरा, ना जाने की जल्दी।❜❜
❝वहाँ तक तो साथ चलो, जहाँ तक साथ मुमकिन है,
जहाँ हालात बदल जाएँ, वहाँ तुम भी बदल जाना।❜❜
❝खामोशीया कर दे बया तो अलग बात हे,
कुछ ददँ अेसे हे जो लफजो मे उतारे नही जाते।❜❜
❝तलब ऐसी कि सांसों में समा लूं तुझे,
किस्मत ऐसी कि देखने को मोहताज हूं तुझे।❜❜
❝मत हटाया करो लटो को गालों से यूँ,
सीधा सा दिल मेरा बेईमान होने लगता हैं।❜❜
❝कुछ धुआँ भी है, थोड़ा शोर भी है,
सिर्फ इश्क़ ही क्यों, नशें और भीं हैं।❜❜