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खूबसूरत मोहब्बत शायरी | khoobsurat Mohabbat shayari in Hindi

 खूबसूरत मोहब्बत शायरी | khoobsurat Mohabbat shayari in Hindi

चांदी सोना एक तरफ , तेरा होना एक तरफ,
एक तरफ तेरी आंखे , जादू टोना एक तरफ

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मुझसे बिछड़ कर भी वो लड़की कितनी खुश रहती है..
उस लड़की ने मुझसे बिछड़ कर मर जाने की ठानी थी..!

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वो जलती है... कोई गर मेरी तरफ़ ध्यान से देखे भी तो...
ख़ुद वो ही बताती भी है बाद में ये किस्सा मुझी को...!!
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हज़ार चक्कर लगा चुका है दफ़्तर का वो ग़रीब किसान...
ये साबित करनें की कोई कागज़ बन जाए... जिससे वो जिंदा साबित हो सके...!!
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मैं नहीं आऊँगा लेनें अब तुमको...
अपनीं इच्छा से मेरी यादों की तरह चले आना...!!
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व्यवस्थाएँ ठीक ठाक ही थीं फ़िर भी...
यही करनें में लड़की के बाप नें... पूरी जिंदगी की कमाई लगा दी थी...!!
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हमेशा साथ रहो तुम ज़रुरी तो नहीं...
क़िस्मत ख़ुदा नें लिखी थी... 
मेरा हो जाना... शायद लिखा ही नहीं...!!
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आंखों की नमीं नें कह दिया सबकुछ...
उन्होनें तो आज एक लब्ज़ भी नहीं बोला हमसे...!!
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कितना पागल कर देती हो तुम मुझको...
सुनो लगता है... तुम्हें हमीं से इश्क़ हो गया है...!!
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एक औऱ दुनियाँ बिख़र गई आज...
एक औऱ बार... वो हमें देखकर मुस्कुरा पड़े आज...!!
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तुम्हारी चाहत की गर्मी नें हमें बीमार कर दिया...
ख़ुदा ख़ैर करे... हमें सुकून से जीना था लेकिन...!!
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दिलासे दिए गए हैं कि वक़्त बदल जाएगा...
पर दिलासों से कहाँ दुनियाँ में दिल भरता है...!!
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ज़रूरी नहीं हर बात को लब्ज़ों में कह देना...
कुछ चीज़ें ज़हन में ही रहें... तो रिश्ते बरकरार रहते हैं...!!
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मैं मान लेता की मैं ही ग़लत था... हर बार...
पर मुझे ख़ुद की नज़रों में ज़िन्दा रहना था...!!
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जैसे,
कच्चे छप्पर से
बारिश का पानी...

मेरे भीतर 
यूँ टपकती रहती हैं 
तुम्हारी स्मृतियाँ....
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कोई हुसैनी न निकला मेरे रफ़ीकों मैं,
दिया बुझा के जलाया, तो मैं अकेला था...!🖤
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इतना देखा है उसे ख्वाबों में , छाले पड गए अब खयालों में 
मेरा सुकूं था गुलाम उसका , जनाब में सोया नही हु सालो से
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इस बार सच दिखाया जाए... तो अच्छा होगा...
इस बार घाव नहीं... मौत दिखाई जाए... तो ही बेहतर होगा...!!
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ग़ुलामी की आदत लगाई जा रही है... पढ़ाई के बाज़ार में...
दुनियाँ को नौकर चाहिए... डीग्री के साथ में...!!
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अब मेरा ज़हन मोहब्बत की इजाज़त नहीं देता...
पेट भरनें के लिए घर को रोटी चाहिए... आशिक़ी से सुना है घर चल नहीं पाता...!!
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उसनें रखना सीख लिया है आजकल... दुपट्टा सर पर...
मुझसे बहस की वजहों में तो नहीं शामिल रहा... उसका लिबास कभी भी...!!
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हम कह नहीं पाते की बहुत प्यार है तुमसे...
तुम धड़कनों की आवाज़ से... समझ क्यों नहीं लेते...!!

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