kumar vishwas shayari in hindi – कुमार विश्वास शायरी इन हिंदी

Shayri Ki Dayri
0

kumar vishwas shayari in hindi – कुमार विश्वास शायरी इन हिंदी

 भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा

हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा

अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का

मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा


कोई खामोश है इतना, बहाने भूल आया हूँ

किसी की इक तरनुम में, तराने भूल आया हूँ

मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो

मैं इक चिड़िया की आँखों में, उड़ाने भूल आया हूँ


इन उम्र से लम्बी सड़को को, मंज़िल पे पहुंचते देखा नहीं,

बस दोड़ती फिरती रहती हैं, हम ने तो ठहरते देखा नहीं..!!


प्रथम पद पर वतन न हो, तो हम चुप रह नहीं सकते

किसी शव पर कफ़न न हो, तो हम चुप रह नहीं सकते

भले सत्ता को कोई भी सलामी दे न दे लेकिन

शहीदों को नमन न हो तो हम चुप रह नहीं सकते


तुमने अपने होठों से जब छुई थीं ये पलकें !

नींद के नसीबों में ख्वा़ब लौट आया था !!

रंग ढूँढने निकले लोग जब कबीले के !

तितलियों ने मीलों तक रास्ता दिखाया था !!


हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते

मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते

जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो

जो लहरों में तो डूबे हैं, मगर संग बह नहीं सकते


मेरा जो भी तर्जुबा है, तुम्हे बतला रहा हूँ मैं

कोई लब छु गया था तब, की अब तक गा रहा हूँ मैं

बिछुड़ के तुम से अब कैसे, जिया जाये बिना तडपे

जो मैं खुद ही नहीं समझा, वही समझा रहा हु मैं


मोहब्बत एक अहसासों की, पावन सी कहानी है,

कभी कबिरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है,

यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं,

जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है।


रंग दुनियाने दिखाया है निराला, देखूँ

है अंधेरे में उजाला, तो उजाला देखूँ

आईना रख दे मेरे सामने, आखिर मैं भी

कैसा लगता हूँ तेरा चाहने वाला देखूँ !!


तुम अगर नहीं आयी गीत गा न पाउगा

सांस साथ छोड़ेगी, सुर सजा न पाउगा

तान भावना की है, शब्द शब्द दर्पण है

बांसुरी चली आओ, होठ का निमंत्रण है


गम में हूँ य़ा हूँ शाद मुझे खुद पता नहीं

खुद को भी हूँ मैं याद मुझे खुद पता नहीं




Tags

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)