bf hindi mein 2021 shayari
हकीकत कुछ और ही होती है,
हर गुमसुम इंसान पागल नही होता।❣️
हक़ से दो तो तुम्हारी नफरत भी कबूल हमें,
खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें।😎
थोड़ी खुद्दारी भी लाजिमी थी दोस्तो,
उसने हाथ छुड़ाया तो हमने छोड़ दिया❣️
ना तड़पाएगी, ना दिल को धड़कायेगी,
अपनी वाली, आने वाली ही होगी तो छप्पड़ फाड़ कर आएगी...🥰
युं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे,
पता नही था की, ‘किमत चेहरों की होती है’ !💔
ऐ इश्क़…तेरा वकील बन के बुरा किया मैनें,
यहाँ☝🏻हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा है❣️
तेरे बिना जीना मुश्किल है,
ये तुझे बताना और भी मुश्किल है❣️
फरत ना करना पगली हमे बुरा लगेगा,
बस प्यार से कह देना अब तेरी जरुरत नही है...😔
“हमने दिल वापस मांगा तो वो सर झुका कर बोली ,
वो तो टूट गया खेलते खेलते...”💔
गुज़रे है आज इश्क के उस मुकाम से,
नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से💔
वफ़ा भी नही करता वो बेवफ़ा होने से भी डरता हैं
मुझे पाना भी नही चाहता और मुझे खोने से भी डरता है❣️
मोहब्बत की गली में हम भी आशिक़ बदनाम हैं,
जिसके लिए बदनाम हुए होठों पे फिर भी उसी का नाम है❣️
उसने मोहब्बत बनायी होगी, नफरतें तुमने बना लीं
उसने जरूरत बनायी होगी, हसरतें तुमने बना लीं❣️
कोई शिकवे नहीं होते कोई गीले भी नहीं होते
काश हम कभी उनसे मिले ही नहीं होते …..❣️
खिले हैं गुल यहाँ, खिल के बिखरने को,
मिलते हैं दिल यहाँ, मिल के बिछड़ने को❣️
बोझ न रखिए दिल पर इतना। दिल तो भारी हो जाएगा।
मन की बात किसी से कहिए। दिल तब खाली हो जाएगा।❣️
बदले बदले से तेवर है, बदला है अंदाज़।
आंखें कुछ हैं कह रही, खोल दो अब राज।❣️
इक वीरान सड़क सी हैं ज़िन्दगी मेरी…
गुजरते बहुत हैं मगर ठहरता कोई नहीं❣️
महकती हो ऐसे अरे यार कली हो क्या
बेफ़ज़ूल मुस्कुरा रही इश्क़ मै जली हो क्या❣️
कुछ बिगड़ गए, कुछ सुलझ गए, कुछ उलझ गए सुलझाने में।
हर शख्स की अपनी कहानी है, जो डुब गए पयमाने में।❣️
इतनी दूर न जाना कि लौट न सको
इतना व्यस्त न होना, कि बैठ न सको।❣️
एक ख़ासियत है तेरी फितरत की
“कब तू ख्वाब दे के
नींदे चुरा लेता है पता नहीं चलता।”❣️
सुकून का वो एक पल चाहिए,
एक पल को ही सही तू मेरे पास हो
मुझे बस वो एक लम्हा चाहिए❣️
तुम्हें गलतफहमी है, कोई सच्चाई नहीं है।
ये सच्चा प्रेम है, कोई बेवफ़ाई नहीं है।❣️
अब हमने आईना देखना छोड दिया है,
सुना हैं...
उसमे दिखने वाला शक्स जरा सा जिद्दी हो गया हैं❣️
ख़्वाहिशों को भी पालना सीखिए,
एक दिन मुकाम मिलेगा ज़रूर..।❣️
गिराया जिसे अपनों ने वो उठकर फिर क्या करता,
परायों से जो लड़ा नहीं वो अपनों से क्या लड़ता❣️
समंदर तेरा हुआ तो क्या हुआ,
मेरी कश्तियां मुझे डूबने नहीं देती ।❣️
वो दिये जा रहे हैं, हम लिए जा रहे हैं,
उनकी रज़ा भी, उनकी सजा भी….!!❣️
वो हर कल्पना में तुमको बसाना
वो हक सारे अपने तुम पर जताना
क्या भूले हो तुम कुछ? ज़रा ये बताना
मुझे याद है, आज भी वो गुज़रा ज़माना..!
नाज़ुक लगते थे, जो हसीन लोग,❣️
वास्ता पड़ा तो, पत्थर निकले..!!❣️