meri manzil shayari in hindi | मेरी मंज़िल शायरी इन हिंदी
मंजिलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग...
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता..
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भावनाओं में बहने से नहीं खुशियां खुद को रोकने से मिलती है, मंज़िलें सोचने से नहीं खोजने से मिलती है।
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मंजिल शायरी हिंदी
हमको तो बस तलाश
नए रास्तों की है
हम हैं मुसाफिर ऐसे
जो मंजिल से आए हैं
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ज़िन्दगी की जानकारी रोज़ कुछ नया जानने से मिलती है,
हार हारने से नहीं हार मानने से मिलती है।
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जुनून मंजिल शायरी
मंजिल भी उसकी थी रास्ता भी उसका था
एक हम अकेले थे काफिला उसका था
साथ साथ चलने की कसम भी उसकी थी
और रास्ता बदलने का फैसला भी उसका था
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मंजिल तो मिल गई अब सफ़र कैसा,
जब ख़ुदा तेरे साथ है फिर डर कैसा।
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हौसला मंजिल शायरी
हर सुबह को अपनी सांसों में रखो
हर शाम को अपनी बाहों में रखो
हर जीत आपकी मुट्ठी में है बस
अपनी मंजिल को आंखों में रखो
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नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तजू ही सही नहीं
विसाल मयस्सर तो आरजू ही सही।
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Motivational मंजिल पाने की शायरी
रास्ते कहां ख़त्म होते हैं ज़िंदग़ी के सफ़र में,
मंज़िल तो वहां है जहां ख्वाहिशें थम जाएं।
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मंज़िल पा ली मैंने ठोकरें खा कर,
लेकिन..
मरहम ना पा सका मंज़िल पाकर!
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