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Best femous shayari by ghalib on life | गालिब शायरी ऑन लाइफ

 Best femous shayari by ghalib on life | गालिब शायरी ऑन लाइफ

Best femous shayari by ghalib on life | गालिब शायरी ऑन लाइफ


दोस्तों, आज की इस ब्लॉग पोस्ट में हम आप सभी के लिए मिर्जा गालिब के कुछ चुनिंदा mirza galib sher और कुछ mirza ghalib shayari का बोहोत ही शानदार कलेक्शन लेकर आए है। अगर आप सभी को ये mirza ghalib Life shayari और sher पसंद आए तो इन्हे अपने मित्रों के साथ में जरूर शेयर करें। धन्यवाद!

Best Ghalib Shayari on life

ज्यादा ख्वाहिशे नहीं है अब,
बस अगला लम्हा पिछले से बेहतर हो काफी है !
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जब भी टूटो अकेले में टूटना,
क्योंकि ये दुनियां तमाशा देखने में
बहुत माहिर है…
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अक्सर बेहतरीन की खोज में हम,
बेहतर को भी खो देते हैं !
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शक करने वालों को हक नहीं दिया करते,
और हक देने वालों पे शक नहीं किया करते !
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दो मुलाक़ात क्या हुई हमारी तुम्हारी,
निगरानी मे सारा शहर लग गया !
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खुद को किसी की अमानत समझकर,
हर लम्हा वफादार रहना ही इश्क़ है !
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किसी ने पूछा इश्क़ हुआ था,
हम मुस्कराकर बोले आज भी है !
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मेरी ख्वाहिशें ज्यादा थी,
और उसकी जरुरते…!
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दर्द जब दिल में हो तो दवा कीजिए,
दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजिए !
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आता है कौन कौन तेरे गम को बाँटने ‘गालिब’,
तू अपनी मौत कि अफवाह उड़ा के देख !
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मेरी वाहियात शायरी को पहचानने लगी है,
शायद वो मुझको चाहने लगी है !
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रंगों की चकाचौंध है ‘मुर्शद,
हमें क्या हम तो सांवले रंग पर मरते हैं !
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हम अपनी इसी बात पर गुरूर करते है,
किसी से प्यार हो या नफरत भरपूर करते है !
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सुनो मुस्कुरा देते हो मेरी हर बात पर,
सुनते भी हो या इश्क़ हो गया !
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नशा सूरत का होता तो कब का उतर जाता,
मगर मुझे तलब है तेरी सादगी की !
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बड़ी लंबी गुफ़्तगू करनी है,
तुम आना एक पूरी ज़िंदगी लेकर !
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गुनाह करके कहां जाओगे ‘गालिब,
ये जमीन ये आसमान सब उसी का है !
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इन हाथों कि लकिरों पर मत जा ‘गालिब’,
नसीब उनके भी होते हैं जिनके हाथ नहीं होते..!
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इश्क़ में नामकरण का मजा ही अलग है,
वो जिस नाम से भी बुलाए, अच्छा लगता है !
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अक्सर बेहतरीन की खोज में हम,
बेहतर को भी खो देते हैं !
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शक करने वालों को हक नहीं दिया करते,
और हक देने वालों पे शक नहीं किया करते !
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दो मुलाक़ात क्या हुई हमारी तुम्हारी,
निगरानी मे सारा शहर लग गया !
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खुद को किसी की अमानत समझकर,
हर लम्हा वफादार रहना ही इश्क़ है !
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किसी ने पूछा इश्क़ हुआ था,
हम मुस्कराकर बोले आज भी है !
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मेरी ख्वाहिशें ज्यादा थी,
और उसकी जरुरते…!
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दर्द जब दिल में हो तो दवा कीजिए,
दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजिए !

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