Adult shayari in hindi - non veg shayari
मजे आते है उस वक्त मुझे कमाल के
जब वो सोता है अपना मेरी उसमें डाल के
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लगातार घंटो तक करने के बाद जो बाहर आती मलाई है
मेरे यार ने वो भीं अपनी जीभ से चाट चाट कर खाई है
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मैं जब होऊं बोर अकेली मेरा ऐसे मन बहलाए वो
बांध कर मेरे हाथ पैर मेरी जीभ से सहलाए वो
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पुराने आशिक वफा तलाश करते थे,
आज के आशिक जगह तलाश करते है।
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आज के आशिक जगह तलाश करते है।
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तेज खोपडी..और सील पैक भो*सडी..
किस्मत वालो को ही मिलती हैं।
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इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग ,
दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग।
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याद है वो सुहानी मुलाकात,
पहले हाथ मिलाया फिर दिल मिले,
फ़िर नंगे हुए और खूब हिले।
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हकीम - क्या परेशानी है .. ?
शायर मरीज - मैं बिस्तर पे कोई गजल नहीं लिख पाता, एक दो अल्फाज के बाद ही कलम स्याही फेंक देती है।😜
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उसने बजा दिया मेरा म्यूजिक बिना ढोल के,
दिल तोड़ दिया उसने आई हेट यू बोल के,
एक दिन वो जा रही थी मुझे बाई बोलके,
तो मैंने भी लं*ड दिखा दिया चैन खोल के।
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जिंदगी झंड है फिर भी घमंड है
और तुम्हारे ईगो से बड़ा मेरा लं*ड है।
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अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते ,
अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते ,
तो चाँद-तारे तोड़ना तो छोटी बात
हम परियों की गां*ड में भी उंगली कर आते।
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तूफान में कस्ती नहीं खोजी जाती,
ब्रा से पहले पैंटी नहीं खोली जाती,
वियाग्रा खाने में संकोच मत कर दोस्त,
क्योंकि जुबान और उंगली से लड़की नहीं चो*दी जाती।
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हर रोज बहक जाते हैं मेरे कदम, आने के लिये ,
ना जाने कितने फासले तय करने अभी बाकी है
🤔 तेरी 🙋👈चु*त को पाने के लिये.....🙆
😝😜😝😜
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😝😜😝😜
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तुम मिंया खलीफा सी सुंदर, मैं Lexinton सा काला हूँ...
तुम लघु छिद्रधारी नारी, मैं लंबी लुल्ली वाला हूँ..🙂
😝😜😝😜
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मैं हूँ कठोर पत्थर जैसा, तुम फूलों सी सुकुमार प्रिये...
कब से चड्डी तनी मेरी, अब खोल भी सलवार प्रिये...😛
😝😜😝😜
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शोक हर चू*त की पालो..
लेकिन चू*त की आदत मत डालो..!!
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आओ कुछ खेलते हैं,
तुम टाँग उठाओ हम पेलते हैं ।
😝😜😝😜
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नाज न कर ए छोरी अपने बड़े बड़े आम pe
तेरे मम्मे अगर पूरे गोल हैं,
तो मेरे टट्टे भी फीफा की फुटबॉल हैं।
😝😜😝😜
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तेरे मम्मे अगर पूरे गोल हैं,
तो मेरे टट्टे भी फीफा की फुटबॉल हैं।
😝😜😝😜
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होनी को अनहोनी कर दे,
अनहोनी को होनी,
एक जगह जब जमा हो तीनों,
स्तन, लिंग और योनी।
😝😜😝😜
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मोहब्बत एक धौखा है
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चो*द-चा*द कर निकल लो
मौका हैं.!!
😝😜😝😜
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जीता रहा मैं... दुनिया का कायदा नही देखा...
शीद्दत...से चु*त चो*दी है कभी फायदा नही देखा...!!
😝😜😝😜
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मन्नत के धागे बांधो या बांधो मुरादों की पर्ची,
वो देगी तभी जब होगी उसकी मर्जी।
😝😜😝😜
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आज का कुविचार-
वो तुम्हारी पसंद के कपड़े पहन कर किसी और के सामने उतारेगी।
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वो तुम्हारी पसंद के कपड़े पहन कर किसी और के सामने उतारेगी।
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हमने उसकी मोह्बत में,
न जाने क्या से क्या लूटा दिया,
इतने मुट्ठ मारे की टोपा सुजा दिया,
वो हमें कमजोर समझती धीरे से मुस्कुराये,
और हमने उनकी याद में फिर से हिला दिया।
😝😜😝😜
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किस कदर चु*दाई का
जूनून इस दीवाने में है...
कल ही जमानत हुई थी
आज फिर रं*डीखाने में है।
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ना पेशी होगी, ना गवाह होगा,
जो उलझेगा चु*त के चक्कर मे,
वो सिर्फ तबाह होगा।
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रंग न देखो लौ*ड़े का, चु*दाई पे दीजो ध्यान,
मोल करो तलवार का फटी रहन दो म्यान।
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पहले के गाने कितने डबल मीनिंग होते थे-
रोज-रोज तुम जो सनम “ऐसे करोगे”,
हम जो रूठ जाएँगे तो “हाथ मलोगे”👊🏻💦
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ना हम किसी के है ना कोई हमारा है,
सिंगलपन के आलम में हाथ ही सहारा है..!!
सिंगलपन के आलम में हाथ ही सहारा है..!!