Looking For Anything Specific?

Heart touching love poetry in Hindi

 Heart touching love poetry in Hindi

सूफ़ी इश्क़ में हार का इतना मलाल न कर,

घर में बूढ़ी मां है उसका तो ख्याल कर!!!


में बारिश में भीगने के बाद कपड़े पे लगे कीचड़ सा हूं,

बारिश रुकने पर मुझसे सिर्फ नफरत ही की जा सकती है।


अपनों की चाहतों में मिलावट थी इस क़दर,

तंग आ कर हम दुश्मनों को मनाने चले गए.!!


यूं तो सिलसिला ए सुखन में न जाने कौन कौन था,

मीर भी गुज़रे, ग़ालिब भी,लेकिन जॉन जॉन था.!!


मरने से वो डरें जो ब-क़ैद-ए-हयात हैं, 

मुझ को तो मौत आये ज़माने गुज़र गये!!


जिंदगी सिखा गई है सबक कई मुझे..

मान.. मर्यादा.. दया.. सब छोड दी मैंने.!!!


ये ग़लत कर दिया, वो ग़लत कर दिया,

हाहाहाहा लो मैने सब कुछ ग़लत कर दिया।


अपना बनाने चला था,

खो कर लौट आया..


वक़्त आयेगा ऐसा भी एक दिन तेरी दहलीज पर,

दर खुलें रह जायेंगे बन्द हो जाएगी दस्तक!!


मैं खुद इकरार कर लूंगा मैंने जान खुद दी थी,

पन्डतायन मैं तुमको हाले-परिशां देख नहीं पाऊंगा.!!


तुम्हारा नाम ना लिखता तो और क्या करता 

सवाल आया था पर्चे में के ज़िन्दगी क्या है ?


बस इक माचिस लगाने की देर है,

दिल तो पहले से, बारूद का ढेर है।


जो थे आँख वाले, बैठे हैं नंगे-भूखे,

अब यहाँ बस, अंधो के हाथ बटेर है।


भूख, गरीबी, बेगारी दिखाई कैसे,

धर्म के दिये तले, अंधेर ही अंधेर है।


हम इंसा, तुम इंसा, सच है बस यही,

बाकी जो है, झूठ है या हेरफेर हैं।


जो खिलाफ बोलेगा, मार देगा उसको,

कानून हर हुकूमत का पालतू शेर है.!!


उनको तकलीफ देके वो भी खुश तो नहीं थे,

जरा गोर से देखते वो उनकी की तरफ,

गिरा हुआ इंसान ही सही मगर, 

गिरा भी तो उन्ही को पाने की तलब मे था।


जितना सरीफ़ रहा उतना ही जहरीला लगा उन्हे मैं,

अब अगर सरफिरा बन जाऊंगा तो डस लूँगा ये भी याद रखना। 


मेने बहाया नहीं हैं एक भी आँसू तेरे जाने के बाद,

कभी देखा है क्या मरे हुए इंसान को आँसू बहाते..!


मोहब्बत और वो भी सची,

उससे बढ़िया,

चाय with gold flak अच्छी।


अपने ही दुख महसूस नहीं होते,

मुझे इस दुनिया ने पत्थर बना दिया।


मैं हमेशा डरता था उस खोने से,

उसने ये डर ही खत्म कर दिया मुझे छोड़कर।


प्यार में भी शामिल हो एफिडेविट कोई,

ये वादे करके मुकरना आजकल आम हो गया है!!


तूने साथ का मतलब समझाया है ,

नज़रें ऊंची कर ये आसमां दिखाया है ,

अनमोल सा है तू मेरे लिए

तूने  मुझे हंसना सिखाया है ।। 


सुनो, लोट आओ,

बस बहुत हुआ..!


ये न हो गर मैं हिलूं तो गिरने लगे बुरादा,

दुखों की दीमक बदन की लड़की खा गई.!!


तुम्हारी अंजुमन से उठके दीवाने कहाँ जाते,

एक बार पीये जो लबों के जाम भुलाये कहा जाते।

ज़हर,गोली,रस्सी,पंखा ये इतंजाम नाम के है,

हम मरने भी तेरी तलवार की नोंक पर आते।

गुनाह पर गुनाह करो हुश्न हो तुम्हें सब माफ है,

हम लौट आते अर्थी से अगर नफरत से भी बुलाये जाते।

कौन कमबख्त कहता है कागज़ के फूलों से खुश्बू नहीं आती,

महफिलें झूम उठती अगर फूल तेरे हाथों से लगाये जाते.!!


काश..

तूने समझा होता,

हमे वक़्त नहीं,

जिंदगी गुजारनी थी एक साथ..!


वो जो प्यासा लगता था सैलाबजदा था,

वो पानी पानी कहते कहते डूब गया है!!


इश्क़ बला टलती नही है धागो से,

पीर कितने  सर  पटके मर गए.!!!


तू तो नेअमत है, सो शुकराना यही है तेरा,

पलकें झपकाए बिना हम तुझे तकते जावें!!


गर वो मेरा होता तो पढ़ता मुझे

ये दुनियादारी न निभाता मुझसे,

ये लफ्जों के सहारे तो हजारों थे,

अपना था तो सीने से लगता मुझे,

क्यों कहूँ तुमसे तकलीफे अपनी,

तुमने कहाँ कुछ बताया मुझे,

क्या ही फर्क पड़ेगा मेरे जाने से,

खुदा न खास्ता कुछ हुआ तो मुझे,

मैं भी शामिल हूँ उन हज़ारों में,

मैं गया भी तो कोई ओर मिलेगा तुझे।


किसी की बद्दुआ की गिरफ्त में हूँ मैं,

मुझे मेरे नसीब की मोहब्बत नहीं मिली!!


वो तो कोशिश कर रहे है, तुम्हारे घर दीपक जले,

अब जिम्मेदारी तुम्हारी है दीपक उनके घर भी जले!!

Post a Comment

0 Comments